The smart Trick of upay totka That No One is Discussing
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सातवां संकेत अमावस्या व पूर्णिमा को बेचैनी सी रहना,तोडऩे का उपाय
प्रतिदिन खाना बनाते समय सबसे पहली रोटी गाय के लिए बनानी चाहिए.
हमेशा चांदी का छोटा सा चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें. आप चाहें तो इसे अपनी तिजोरी में भी रख सकते हैं.
शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत्।।
कुल देवी या देवता को मनाएं : आजकल के परिवार को अपने कुल देवता और कुल देवी के स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुलदेवी या कुल देवता के स्थान से आपके पूर्वजों का पता लगता है।
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बच्चे को दूसरों की नजर जरूर लगती है,चाहे वह अपने ही घर वालों की क्यों न हो,शाम को बच्चा जब बिस्तर पर सोने जाये तो एक पत्थर को बच्चे के ऊपर से ओसारा करने के बाद किसी पानी से धोकर एक नियत स्थान पर रख देना चाहिये,जिस दिन खतरनाक नजर लगी होगी या कोई बीमारी परेशान करने वाली होगी,वह पत्थर अपने स्थान पर नही मिलेगा,अथवा टूटा मिलेगा।
तांबे का पुराना गोल सिक्का लें. इसमें छेद करके उसे लाल या सफेद धागे में गले में पहनें. बच्चों को भी पहना सकते हैं.
शनि अमावस्या या शनि जयंति पर उड़द की दाल को पिसवाकर उसके दो बड़े बनाएं। शाम को सूर्यास्त के समय इन पर दही और सिंदूर लगाएं। अब इन्हें किसी more info पीपल के पेड़ के नीचे रखकर पीपल को प्रणाम करें। पीछे मुड़कर देखे बिना घर वापस लौट आएं। रास्ते में किसी से बात भी न करें।
उपाय करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने से बडों व वृ्द्धों का अपमान नहीं करना चाहिए.
सोते समय सिर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. दक्षिण की ओर सिर करके न सोएं.
घर में उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए रोजाना सुबह और शाम को कपूर जलाएं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए.
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